भूगोलीय निर्देशांक प्रणाली को मुख्यत: तीन तरीकों से देखा जा सकता है।
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भूगोलीय निर्देशांक प्रणाली को मुख्यत: तीन तरीकों से देखा जा सकता है।
4.
सन् १९६२ में कनाडा के ऑन्टेरियो में प्रथम भूगोलीय निर्देशांक प्रणाली बनायी गई थी।
5.
सन् १९६२ में कनाडा के ऑन्टेरियो में प्रथम भूगोलीय निर्देशांक प्रणाली बनायी गई थी।
6.
शहर के सही सही भूगोलीय निर्देशांक 30 ° 44 ′ N 76 ° 47 ′ E / 30.74, 76.
7.
भूगोल में जगहों का अंकन करने वाली अक्षांश-रेखांश (लैटिट्यूड-लॉन्गिट्यूड) प्रणाली (यानि भूगोलीय निर्देशांक प्रणाली) एक गोलीय निर्देशांक प्रणाली का उदाहरण है।
8.
से दर्शित किया जाता है, पूर्व से पश्चिम पर्यन्त भूगोलीय निर्देशांक हैं, जिन्हें अधिकतर मानचित्रकला एवं भूमंडलीय नौवहन में प्रयोग किया जाता है।
9.
रेखांश (), जिसे यूनानी अक्षर लैम्बडा (λ) से दर्शित किया जाता है, पूर्व से पश्चिम पर्यन्त भूगोलीय निर्देशांक हैं, जिन्हें अधिकतर मानचित्रकला एवं भूमंडलीय नौवहन में प्रयोग किया जाता है।
10.
भूगोलीय निर्देशांक प्रणाली (अंग्रेज़ी:जियोग्राफिक इनफॉरमेशन सिस्टम) एक प्रकार की निर्देशांक प्रणाली होती है, जिसके द्वारा पृथ्वी पर किसी भी स्थान की स्थिति तीन (३) निर्देशांकों के माध्यम से निश्चित की जा सकती है।